Magnetron Oscillator in Hindi (मैग्नेट्रोन ऑस्किलेटर हिंदी में)
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Magnetron Oscillator in Hindi (मैग्नेट्रोन ऑस्किलेटर हिंदी में)
मैग्नेट्रोन ऑस्किलेटर (Magnetron Oscillator) क्या हैं ?
Magnetron Oscillator in Hindi: मैग्नेट्रोन ऑस्किलेटर (Magnetron Oscillator) एक प्रकार का माइक्रोवेव जनरेटर है, जिसका उपयोग हम Microwave Oven में microwave signals को पैदा करने के लिए करते हैं । मैग्नेट्रॉन में चुंबकीय क्षेत्र विद्युत क्षेत्र के लंबवत (perpendicular) होता है और इसलिए इसे क्रॉस-फील्ड या एम-प्रकार (M-Type) माइक्रोवेव जनरेटर कहा जाता है। 1921 में Hull द्वारा मैग्नेट्रॉन का आविष्कार किया गया था और एक बेहतर उच्च शक्ति वाले मैग्नेट्रॉन को 1939 में Randall तथा Boot द्वारा विकसित किया गया था। मैग्नेट्रोन बहुत उच्च शिखर शक्ति के माइक्रोवेव दोलन (Oscillations) प्रदान करते हैं।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि klystron में ऊर्जा ले जाने वाले इलेक्ट्रॉनों केवल छोटी अवधि या समय के लिए resonant cavity में आरएफ (RF) क्षेत्र के संपर्क में रहते हैं। हालांकि, अगर इलेक्ट्रॉनों को आरएफ क्षेत्र के साथ लंबे समय तक मिलाया जाये तो उच्च दक्षता (Efficiency) प्राप्त की जा सकती है। यह ट्रैवलिंग वेव ट्यूब (TWT) में किया जाता है और मैग्नेट्रोन में भी इसी तकनीक का उपयोग किया जाता है।
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मैग्नेट्रोन ऑस्किलेटर (Magnetron Oscillator) |
मैग्नेट्रॉन के प्रकार (Types of Magnetron)
- नकारात्मक प्रतिरोध प्रकार (Negative Resistance type)
- साइक्लोट्रॉन फ्रीक्वेंसी टाइप (Cyclotron Frequency type)
- ट्रैवलिंग वेव या कैविटी टाइप (Travelling Wave or Cavity type)
नकारात्मक प्रतिरोध मैग्नेट्रोन (Negative resistance magnetron) दो एनोड खंडों के बीच नकारात्मक प्रतिरोध का उपयोग करते हैं, लेकिन इसकी दक्षता (Efficiency) कम रहती है और केवल कम आवृत्तियों (<500 हर्ट्ज) पर यह उपयोगी रहता हैं।
कैविटी मैग्नेट्रॉन (Cavity magnetron)
यह आमतौर पर केंद्र में एक मोटी बेलनाकार कैथोड के साथ बेलनाकार विन्यास का एक डायोड होता है और तांबे का एक सह-अक्षीय बेलनाकार ब्लॉक एनोड के रूप में काम करती है। एनोड ब्लॉक में कई छेद और स्लॉट काट दिए जाते हैं जो resonant anode cavities के रूप में कार्य करते हैं। एनोड और कैथोड के बीच का स्थान इंटरैक्शन स्पेस कहलाता है और cavity में से एक आउटपुट निकालने के लिए एक सह-अक्षीय रेखा या वेवगाइड (Waveguide) से जुड़ा हुआ होता है। यह एक क्रॉस फील्ड डिवाइस है क्योंकि एनोड और कैथोड के बीच का विद्युत क्षेत्र रेडियल होता है जबकि स्थायी चुंबक द्वारा निर्मित चुंबकीय क्षेत्र अक्षीय होता है। स्थायी चुंबक को ऐसे रखा जाता है कि कैथोड और एनोड बीच चुंबकीय रेखा कैथोड के समानांतर तथा विद्युत क्षेत्र के लंबवत होती है।
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कैविटी मैग्नेट्रॉन (Cavity magnetron) |
मैग्नेट्रान की कार्य प्रणाली (Working of Magnetron)
कैविटी मैग्नेट्रॉन (Cavity magnetron) में कई कैविटीज़ होती हैं, जो कि एक-दूसरे से कसकर जुडी रहती हैं। आमतौर पर यह ज्ञात है कि एक N-cavity युग्मित प्रणाली (coupled system) में N-modes of operation होते हैं, जिसमें प्रत्येक Mode of operation frequency और phase के योग का एक विशिष्ट गुण रखती हैं, जोकि किसी दूसरे mode से भिन्न होता हैं । इसके अलावा, इन मोड को self consistent होना चाहिए ताकि ring cavity resonator के चारों ओर total phase shift 2nπ हो, जहां n एक पूर्णांक है। उदाहरण के लिए, ए-कैविटी मैग्नेट्रोन के cavities के बीच एक phase shift 40° होना चाहिए, इसका मतलब है कि पहली cavity अपने आप से 320° द्वारा out of phase है। सही न्यूनतम phase shift 45° (45×8 = 320°) होना चाहिए। इसलिए यदि ϕv आसन्न गुहाओं में एसी विद्युत क्षेत्र के सापेक्ष चरण परिवर्तन का प्रतिनिधित्व करता है,
यँहा, N/2 mode of resonance को दर्शाता हैं तथा N सम संख्याओं को दर्शाता हैं ।
यदि n = N/2, तो ϕv = π
इस रेजोनेंस मोड को π-mode कहते हैं ।
यदि n = 0, तो ϕv = 0
यह मोड शून्य मोड है, जिसका अर्थ है कि एनोड और कैथोड के बीच कोई आरएफ विद्युत क्षेत्र नहीं होगा (जिसे फ्रिंजिंग कहा जाता है) और मैग्नेट्रॉन ऑपरेशन में कोई फायदा नहीं होता है ।
Electrons Behavior in Magnetron (मैग्नेट्रोन में इलेक्ट्रॉनों व्यवहार)
विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों की सापेक्ष शक्तियों (relative strengths) के आधार पर कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह एनोड की ओर इंटरैक्शन स्पेस में होता हैं ।
- sweep oscillator में Voltage-tunable magnetrons (VTM’s) का उपयोग किया जाता है।
- Continuous Wave (CW) में fixed frequency magnetron का उपयोग किया जाता है।
- Pulsed power magnetron का उपयोग Radar में किया जाता है।