Tunnel Diode in Hindi (टनल डायोड हिंदी में)
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Tunnel Diode in Hindi (टनल डायोड हिंदी में)
Tunnel Diode (टनल डायोड क्या है?)
टनल डायोड एक विशेष रूप से बनाया गया P-N जंक्शन डिवाइस है जो forward biasing के एक हिस्से पर नकारात्मक प्रतिरोध (negative resistance) प्रदर्शित करता है। टनल डायोड में जंक्शन के दोनों ओर काफी अधिक मात्रा में डोपिंग होती है और P-side से N-side की ओर काफी तेज संक्रमण होता है। टनल डायोड प्रवर्धन प्रयोजनों (amplification purposes) के दोलन (oscillation) के लिए उपयोगी है। पतले जंक्शन और कम पारगमन के समय (short transit time) के कारण, यह तेज स्विचिंग सर्किट में माइक्रोवेव अनुप्रयोगों के लिए भी उपयोगी है।
Characteristics of Tunnel Diode
जब डायोड पर रिवर्स बायस को लागू किया जाता है तो P-side का फर्मी स्तर N-side के फर्मी स्तर से अधिक हो जाता है। इसलिए, P-side के बैलेंस बैंड से N-side के कंडक्शन बैंड तक इलेक्ट्रॉनों की टनलिंग होती है। रिवर्स बायस के अंतराल के साथ टनल की धारा भी बढ़ जाती है।
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V-I Characteristics of Tunnel Diode |
Advantages of Tunnel Diode (टनल डायोड के लाभ )
- यह डायोड का noise figure कम होतो है।
- यह high frequency response दिखता है ।
- इस डायोड से ऊर्जा का कम अपव्यय होता है।
Disadvantages of Tunnel Diode (टनल डायोड के नुकसान)
- इस डायोड का संचालन कम वोल्टेज और करंट की आवश्यकता होती है ।
- टू-टर्मिनल डिवाइस होने के नाते, इनपुट और आउटपुट के बीच कोई अलगाव नहीं है।
Application of Tunnel Diode (टनल डायोड के उपयोग)
- UHF रेंज में ऑसिलेटर्स के लिए।
- Current ट्रांसड्यूसर पर दबाव लिए।
- UHF रिसीवरों के लिए मिक्सर डिटेक्टर और कन्वर्टर्स के रूप में।
- इसका उपयोग कम समय में high-speed switch के रूप में किया जाता है।